मंगलवार, 30 सितंबर 2014

अंतरद्वंद (लघुकथा)

            मलिक कुछ पैसे चाहिये-गोपाल ने हाथ जोड़े हुये कहा ।  विगत एक माह से बीमार चल रहा हूॅ इसलिये काम पर नहीं आ सका, जीता रहा तो काम कर करके एक एक पाई छूट जाऊंगा नहीं तो अगले जन्म में । 
           मालिक को पता था गोपाल को लास्ट स्टेज का कैंसर है ।  अंतरद्वंद से जुझता वह कहा ले गोपाल ले दिल छोटा क्यो करता है अभी तुम्हे बहुत काम करना है ।